कानपुर-
लॉक डाउन के बाद से श्रमिक मजदूरों के साथ हो रही घटनाओं को लेकर जहाँ एक तरफ सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलों के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए है कि श्रमिक मजदूर पैदल नेशनल हाइवे पर दिखते है तो उनके खाने पीने का तत्काल प्रबंध कर उन्हें उनके गंतत्व तक भेजने के लिए बस की व्यवस्था कर उन्हें भेजा जाए लेकिन कानपुर पुलिस पर इसका कोई असर होता नही दिख रहा। पुलिस कितनी संवेदनशील है उसकी यह तस्वीर देखिए मुम्बई से बहराइच जा रहे 1 ही परिवार के 3 लोग पैदल ही जा रहे थे क्योकि ट्रक ने उन्हें रास्ते मे ही छोड़ दिया था जिसमे 15 वर्षीय किशोर की हालत इतनी खराब हो गयी कि उसे तेज बुखार के साथ चक्कर आया और वह जमीन पर गिर गया अजनवी शहर में सिर्फ पुलिस से ही उम्मीद थी लेकिन कोई भी काम न आया पास के अस्पताल की ओर निकले की उसे भर्ती करा दिया जाए लेकिन अस्पताल के वाहर ही किशोर को खून की उल्टियां शुरू हो गयी ओर उसकी कुछ देर बाद मौत हो गयी यह घटना देर रात 2 बजे की है।कोरोना के भय के चलते कोई भी पुलिस कर्मी नजदीक भी नही गया और अगर सही समय पर उन्हें प्राथमिक उपचार मिल जाता तो शायद किशोर की जान बच जाती मृतक किशोर का शव चकेरी नेशनल हाइवे के किनारे एक ग्रीन बेल्ट में पड़ा हुआ है और पीड़ित परिजन उसके पास बैठे है लेकिन अभी तक किसी भी आलाधिकारियों ने इन पीड़ितों की सुध तक नही ली।
वही मीडिया में खबर चलने के बाद पुलिस का बयान आया कि रविवार 12:40 बजे प्रवासी मजदूर मृतक खुशबूद्दीन उम्र करीब 16 वर्ष पुत्र मुबारक खान अपने सगे भाई सलाहुद्दीन एवं चाचा छक्कन खान नि0 अव्वल मकसूदपुर थाना रानीपुर जिला बहारइच जो मुंबई से आकर रामादेवी चौराहा, जनपद कानपुर नगर पर उतरे तथा डियूटी पर तैनात पुलिस से तबियत खराब होने की बात बताई. उन्हें तेज बुखार को देखते हुए डियूटी पर लगे पुलिस बल द्वारा तत्काल रक्षा अस्पताल, हरजेन्दरनगर कानपुर नगर ले जाया गया, अस्पताल गेट पर ही खुशबूद्दीन की मृत्यु हो गयी। मृतक को कोविड-19 संक्रमण का संदेह है, जिससे कोविड-19 संक्रमण प्रोटोकाल का पालन करते हुए अन्तिम संस्कार की कार्यवाही नियमानुसार करायी जा रही है।
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