कानपुर
कानपुर से पुलिस व एसटीएफ टीम विकास को सड़क मार्ग से शुक्रवार सुबह कानपुर ला ही रही थी। कानपुर पहुंचते ही भौंती हाईवे के पास पुलिस वाहन दुर्घटनाग्रस्त होकर पलट गया। हादसे में वाहन सवार अभियुक्त और पुलिसकर्मी घायल हो गए।
पुलिस ने बताया कि विकास को उज्जैन से सड़क के रास्ते कानपुर लेकर जा रही यूपी STF की काफिले की गाड़ी आज सुबह दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इसी दौरान विकास दुबे ने घायल पुलिसकर्मी की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की। पुलिस टीम ने पीछा किया और उसे घेरकर आत्मसमर्पण करने को कहा गया, लेकिन वह नहीं माना और पुलिस टीम पर गोलियां चलाने लगा। पुलिस ने आत्मरक्षा में जबाबी फायरिंग की। इसके बाद विकास दुबे ने भागने की कोशिश की जिसके बाद पुलिस को गोली चलानी पड़ी जिसमें विकास दुबे शुक्रवार सुबह पुलिस एनकाउंटर में मारा गया।
विकास ने कर दी फायरिंगविकास ने कर दी फायरिंग
एसएसपी ने बताया कि गैंगस्टर विकास दुबे को ला रही गाड़ी पलट गई थी. वह किसी तरह बाहर निकला और घायल सिपाहियों की पिस्टल छीनकर भागने लगा. एसटीएफ के जवानों ने तब मोर्चा संभाल लिया. वहीं, वेस्ट कानपुर के एसपी ने बताया कि विकास दुबे को सरेंडर करने को कहा गया था, लेकिन उसने फायरिंग शुरू कर दी. जवाबी फायरिंग में वह मारा गया. दूसरी तरफ, एसएसपी ने 4 सिपाहियों के घायल होने की भी बात कही है।
पहले ही रोक दिया गया पीछे से आ रही गाड़ियों को
वहा मौजूद मीडिया के रिपोर्टरों ने बताया कि जब उज्जैन से विकास दुबे को लाया जा रहा था तब कुछ मीडिया की भी गाड़िया पीछे पीछे चल रही थी , लेकिन टोल प्लाजा पहुचने के बाद कानपुर में आते ही मीडिया की गाड़ियों को पीछे आने से रोका गया । उसके बाद ये हादसा हुआ ।
पता ये भी चल रहा कि टूल टैक्स के बाद आगे चल कर मीडिया को पीछे आने से रोका गया फिर आगे चलकर विकास दुबे को उतारकर एक अलग गाड़ी में बैठाया गया
4 जवान जो घायल हुए है उनको हैलट में एडमिट नही किया गया , एसएसपी साहब ने बताया कि उनको chc कल्याणपुर में भर्ती किया गया
अखिलेश यादव ने साधा निशाना
इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए कहा है कि गाड़ी ने पलटी बल्कि सरकार पलटने बच गई है। अखिलेश यादव ने ट्विटर पर लिखा कि दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज़ खुलने से सरकार पलटने से बचाई गयी है।
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने किया ट्वीट
VikasDubey एंकाउंटर में मारा गया।
पर अनेकों सवाल छूट गए-
1. अगर उसे भागना ही था, तो उज्जैन में सरेंडर ही क्यों किया?
2. उस अपराधी के पास क्या राज थे जो सत्ता-शासन से गठजोड़ को उजागर करते?
3. पिछले 10 दिनों की कॉल डिटेल्ज़ जारी क्यों नहीं?
विकास की मौत के साथ दफन हुए कई राज
दावा किया जा रहा था कि विकास दुबे को सफेदपोशों का संरक्षण प्राप्त था इसलिए वह इतने दिनों तक बचता रहा। विकास दुबे से पूछताछ के बाद कई राज खुलने का अनुमान लगाया जा रहा था।
विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ के दौरान कई राज खुलने का दावा किया गया था। कहा जा रहा था कि कई सफेदपोश विकास के बयान के बाद बेनकाब होंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
सूत्रों की मानें तो विकास दुबे को राजनीति के अपराधीकरण के कई राज पता थे। वह इसी सरपरस्ती में इतनी बड़ी घटना करके बचता घूम रहा था। उसकी गिरफ्तारी के बाद कई नेताओं और सफेदपोशों में चिंता थी।
विकास दुबे के साथ उन सभी सबूतों, साक्ष्यों का भी एनकाउंटर हो गया जिससे अपराधियों,पुलिस और सत्ता में बैठे उसके संरक्षकों का पर्दाफाश होता! विकास के जरिए उन सभी को बचाने की कोशिश की है जो नेक्सेस में उसके मददगार रहे?आखिर उन सत्ताधीशों पर कार्रवाई का क्या जिनका नाम उसने स्वयं लिया?
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