कानपुर
कानपुर के कुख्यात अपराधी विकास दुबे के एनकाउंटर मामले में बांबे हाईकोर्ट के वकील अटल बिहारी दुबे ने सुप्रीम कोर्ट में लिखित शिकायत दर्ज कराई है जिसमें उन्होंने मांग की है कि इस मामले की सीबीआई जांच कराई जाए इसके अलावा सेवानिवृत्त जज द्वारा मामले की निगरानी करने का भी अनुरोध किया है।
वकील अटल बिहारी दुबे ने कहा कि अगर विकास दुबे को भागना होता तो उज्जैन जाकर मीडिया के सामने आत्मसमर्पण नहीं करता विकास मीडिया और लोगों के सामने चिल्लाया था कि वो विकास दुबे है कानपुर वाला उसको पकड़ लिया गया है जो यह साबित करता है कि उसका उद्देश्य भागने का नहीं था पुलिसकर्मी उसको लेकर कानपुर (यूपी) जाते हैं और पूरे रास्ते मीडिया उसका पीछा करती है लेकिन एनकाउंटर के थोड़ी दूर पहले मीडियाकर्मियों को रोक दिया जाता है मीडिया को रोकना पुलिस की कार्रवाई पर प्रश्नचिन्ह लगाती है सुप्रीम कोर्ट को लिखे शिकायत में अटल बिहारी दुबे ने आरोप लगाया है कि इस मामले में बड़े पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी तथा राजनेता की मिलीभगत है सारे काले चिट्ठे देश के सामने आने से रोकने के लिए पुलिस ने विकास दुबे को जानबूझकर मारा है एड. दुबे ने आरोप लगाया कि विकास के अन्य सहयोगियों को भी इसी तरह एनकाउंटर किया गया है उन्होंने सवाल किया कि जब पुलिस को पता था कि वह भागने की कोशिश कर सकता है तो सावधानी क्यों नहीं बरती गई।
वकील अटल बिहारी दुबे ने सवाल किया है कि 20 से 30 एटीएस के बड़े अधिकारियों से एक अपराधी जिंदा क्यों नहीं पकड़ा जा सका पुलिस ने विकास के कमर और सीने में गोली मारी थी जो साबित करता है कि उनका उद्देश्य किसी प्रकार से विकास दुबे को मारना था मुझे उम्मीद है कि उच्चतम न्यायालय इस मामले का उचित संज्ञान लेगी और जांच सीबीआई को सौंप देगी।
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