सूखी पड़ी ऐतिहासिक नदी

कानपुर/मकनपुर-- संवाददाता शिवम गुप्ता
       
जनपद कानपुर नगर के बिल्हौर तहसील छेत्र  के मकनपुर के पास से निकली एेतिहासिक ईशन नदी इस समय सूखी पडी है,सूखी पडी नदी मानव से लेकर पशु,पछिओ की  प्यास बुझाने मे अहम भूमिका निभाती है,किन्तु बिल्हौर प्रसाशन से लेकर सत्ता दल के नेताओ ने इस नदी की सुद लेने की जरूरत नही समझी, जिसका नतिजा की आज हजारो बीघा फसलो की प्यास बुझाने बाली नदी आज खुद प्यासी है,इस नदी सेआस पास के गांव मकनपुर बरांडा खाड़ामऊ पिहानी मजबूत,पलिया, बकोठी,सहित न जाने कितने गांव के किसान इसी नदी के साहरे अपनी फसलो की सिचाई कर तैयार करते है, वही पशुपालक भी अपने पशुओ की इसी नदी से प्यास बुझाते है, किन्तु प्रसाशन की लापरवाही से आज ईशन नदी मे पानी नही है,जब कि बारिश का मौसम भी बहुत दूर है, यदि उपर वाले की मैहरबानी हो जाये तो सायद किसानो की चहरे पर मुस्कान की  किरण नजर आ सकती है,  नदी मे पानी न होने से किसाने के चेहरे पर चिन्ता की लकीर देखी जा सकती है, महिनो की मेहनत से तैयार की गई  फसल सूखती नजर आ रही है,एक तरफ कोरोना वायरस के कारण किसानो की फसलो को भी  मिटटी के भाव खरीदा जा रहा है,चाहे वो तरबूज की फसल हो या मक्का,फसल,वही दूसरी तरफ आसमानी कहर ने भी किसान की कमर के साथ रीड की हड्डी, को तोड़ कर रख दिया है ।
आसमानी कहर के बाद जो फसल बच गई है वो नदी मे पानी के कमी के कारण  सूख रही है,अधिक्तर मई जून के महिने मे  नदी सूख जाती है,साशन व  प्रसाशन को सुद तभी आती है, जब किसान पूरी तरह बर्वाद हो जाता है, मकनपुर वासियो ने कई बार मई जून माह मे पानी छोडने को लेकर नहर विभाग, व उप जिलाअधिकारी को अवगत करा चुके है, किन्तु किसानो की सिकायत व मांग सफेद हाथी सबित हो जाती है, बड़े-बड़े वादे करने वाले नेताओ को भी इस नदी की समस्या  के बारे मे कई बार जानकारी दी जा चुकी है,किसान भाई  मई ,जून मे पानी छोडने के लिये साशन व प्रसाशन याद दिलाते रहते है, किन्तु नतिजा शून्य पर आकर रूक जाता है,जब कि इस नदी से हजारो किसानो की खुशी जुडी हुई।

       

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