कानपुर
30 अगस्त मोहर्रम की 10 तारीख को खानकाहे हुसैनी में नवां ज़िक्र ए शोहदा ए कर्बला, नात-मनकबत व नज़र ए इमाम हुसैन व रौज़ा ए इमाम हुसैन की ज़िरायत गुल पोशी हुई उसके बाद खानकाहे हुसैनी के बाहर शर्बत का वितरण किया गया।
सुबह 10 बजे खानकाहे हुसैनी हज़रत ख्वाजा सैय्यद दाता हसन सालार शाह (रह०अलै०) की दरगाह पर कुरानख्वानी हुई उसके बाद ज़िक्र ए शोहदा ए कर्बला की शुरुआत तिलावते कुरानपाक से हाफिज़ मोहम्मद काशिफ खान ने की नात-मनकबत में मिट्टी में मिल गया इरादा यज़ीद का लहरा रहा है आज भी परचम हुसैन का, दरिया हुसैन का है समुन्दर हुसैन का प्यासों के वास्ते है लंगर हुसैन का, है आरज़ू वहाँ भी मिले दर हुसैन का,
जन्नत मे बनके जाऊ मैं नौकर हुसैन का,
सूरज ने अपने सर को अदब से झुका लिया, नेज़े पे जब बुलंद हुआ सर हुसैन का।
ज़िक्र ए शोहदा ए कर्बला में खानकाहे हुसैनी साहिबे सज्जादा इखलाक अहमद डेविड चिश्ती हुसैनी ने कहा कि यज़ीद चाहता था कि नमाज़ शराबी पढ़ाये, हरामखोर पढ़ाये, जनाकारी करने वाला पढ़ाये, सूदखोर पढ़ाये और इन सभी बातों से राज़ी होकर हज़रत इमाम हुसैन यज़ीद के साथ हाथ में हाथ मिलाये। इस पर हज़रत इमाम हुसैन ने जवाब दिया कि मैं अपनी सर कटा सकता हूँ लेकिन यज़ीद से हाथ नहीं मिला सकता। इसी बात से खफा होकर यज़ीद ने जंग शुरु कर दिया और क़र्बला के मैदान में हज़रत ईमाम हुसैन के साथ 70 सत्तर लोग शहीद हुए। आज हज़रत इमाम हुसैन की क़ुर्बानियों की वजह से नेक, परहेज़गार और अल्लाह और उसके रसूल को मानने वालों के लिए इस्लाम ज़िंदा है।
इखलाक अहमद डेविड चिश्ती ने दुआ की ऐ अल्लाह रसूलल्लाह, हसनैन के सदके मुल्क में खुशहाली, अमनों-अमान कायम रहने, मुल्क दहशतगर्द का खात्मा करने, हमारे प्यारे मुल्क से कोरोना वायरस का खात्म कर, कोरोना मरीज़ों को शिफा दे, हम सबको बुराइयों से बचाने, नमाज़ की पाबंदी करने, बेटो-बेटियों को इल्म दिलाने की दुआ की।
ज़िक्र शोहदा ए कर्बला में इखलाक अहमद डेविड चिश्ती, शाहिद चिश्ती, हाजी मोहम्मद शाबान, अबरार अहमद, मोहम्मद हफीज़, आफताब अहमद, परवेज़ आलम वारसी, इस्लाम खान चिश्ती, नूर आलम,ज़ुबैर इदरीसी, इरफान अशरफी, शादाब अहमद, निज़ाम हुसैन वारसी, परवेज़ सिद्दीकी, मोहम्मद जावेद, एजाज़ रशीद, मोहम्मद मोहसिन, शाह आलम, मोहम्मद मुफीद, मोहम्मद ताशिफ, शमशुद्दीन फारुकी, मोहम्मद शाहनवाज़ अज़हरी, एजाज़ रशीद, मोहम्मद अरशद खान, अफज़ाल अहमद आदि लोग मौजूद थे।
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