'राम लला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे' जानें किसने दिया था ये नारा
आज सभी राम भक्तों का वर्षों का इंतजार खत्म होने वाला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अयोध्या पहुंच कर राम मंदिर का शिलान्यास करेंगे. इसके बाद से ही पावन नगरी अयोध्या में राम लला भव्य मंदिर बनने का सिलसिला शुरू हो जाएगा. इस समारोह में कई साध
आज सभी राम भक्तों का वर्षों का इंतजार खत्म होने वाला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को अयोध्या पहुंच कर राम मंदिर का शिलान्यास करेंगे. इसके बाद से ही पावन नगरी अयोध्या में राम लला भव्य मंदिर बनने का सिलसिला शुरू हो जाएगा. इस समारोह में कई साधू संत भी शामिल होंगे. पीएम मोदी के आगमन और भूमि पूजन से पहले अयोध्या में पूरी तैयारी कर ली गई है. शहर में मंगलवार से ही दीपावली जैसा माहौल है. पूरी अयोध्या दीए और लाइटों से जगमगा रही है, पूरा शहर राम के रंग में रंगा नजर आ रहा है.
राम मंदिर के निर्माण के लिए सालों से आंदोलन चलाया जा रहा था, इसके लिए कारसेवकों और श्रद्धालुओं का विशेष रूप से योगदान रहा हैं. लेकिन इसी बीच मंदिर निर्माण के लिए कई नारे दिए गए, जिसमें 'राम लाल हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे' सबसे मजबूत औप ताकतवर था. ये नारा बच्चे-बच्चे के जुबां पर चढ़ा हुआ था साथ ही राम भक्तों के अंदर इस नारे की धुन एक विशेष ऊर्जा पैदा करती थी. तो आज हम आपको इस ऐतिहासिक नारा देने वाले शख्सियत के बारें में बताने जा रहे हैं.
'राम लला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे' का नारा मध्य प्रदेश रहने वाले बाबा सत्यनारायण मौर्य ने दिया था. इन्हें मंदिर निर्माण आंदोलन का अहम हिस्सा माना जाता है. बताया जा रहा है कि जिस वक्त राम मंदिर का आंदोलन अपने चरम सीमा पर था उस समय सत्यनारायण मौर्या ने इससे प्रभावित होकर अपनी पढ़ाई छोड़ी दी. इसके बाद वो एमपी के राजगढ़ से अयोध्या आ गए. वहां जाकर उन्होंने गली मोहल्लों की दीवारों पर जोश से ओत प्रोत नारे लिख दिए.
एक मीडिया में छपी खबर के मुताबिक बाबा सत्यनारायण ने उज्जैन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मंच से ही रामलला हम आएंगे मंदिर वही बनाएंगे का नारा दिया था. इसके साथ कई ऐसे नारे प्रचलित हुए. वो मंच का संचालन कर रहे थे और वहीं से जोर से नारे लगा रहे थे, उस समय कार सेवक भी उनका साथ दे रहे थे.
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