कानपुर
भारत सरकार के समाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के साथ संयुक्त रूप से वर्ष 2018 के दौरान मादक पदार्थों के उपयोग एवं विस्तार पर राष्ट्रीय स्तर पर सर्वेक्षण कराया गया ,नशीली दवाओं के दुरुपयोग एवं अवैध तस्करी के खिलाफ मंत्रालय द्वारा "नशा मुक्त भारत अभियान "चिन्हित 272 जिलों में प्रारंभ किया गया है। कानपुर नगर भी उनमें से एक है। जिलाधिकारी महोदय की अध्यक्षता में जिला स्तरीय नशा मुक्त भारत अभियान समिति का गठन किया गया है ।मंत्रालय द्वारा विस्तृत कार्य योजना भी उपलब्ध कराई गई है जिस के क्रम में सितंबर माह के लिए 'लाइफ स्टाइल एंड सब्सटेंस एब्यूज' थीम निर्धारित की गई है ।सामूहिक उत्थान सेवा समिति एवं सिटीजन अवेयरनेस फाउंडेशन द्वारा "इफेक्ट ऑफ सब्सटेंस एब्यूज इन द लाइफ स्टाइल ऑफ यूथ "विषय पर मुख्य वक्ता जिला समाज कल्याण अधिकारी अमरजीत सिंह जी की अध्यक्षता में वेबिनार का आयोजन किया गया। अमरजीत सिंह ने नशा मुक्त भारत अभियान के तहत विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में व्यापक स्तर पर नशे की रोकथाम हेतु जन जागरूकता एवं व्यापक प्रचार-प्रसार पर बल दिया और नशे से को समाज का कोढ़ बताया और साथ ही कहा कि समाज के युवा वर्ग की तरक्की में नशा एक बाधक की भूमिका अदा कर रहा है साथ ही साथ उन्होंने अन्य सामाजिक संस्थाओं दिव्यांग डेवलपमेंट सोसाइटी हील फाउंडेशनअन्य कई समाजसेवी संस्थाओं को साथ में लेकर कानपुर को नशा मुक्त बनाने का बीड़ा उठाया मंडलीय मनोवैज्ञानिक डॉ नरेश चंद्र गंगवार ने नशे के बढ़ते चलन हेतु मानवीय मूल्य एवं नैतिकता में कमी को जिम्मेदार बताया ।वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ रोहन कुमार ने युवा पीढ़ी के नशे के तरफ झुकाव तथा उस से दूरी कैसे बनाई जाए ,विषय पर वार्ता की। केंद्रीय विद्यालय चकेरी के शिक्षक डॉ मनोज गुप्ता ने युवा वर्ग की मनोदशा तथा उनकी सोच, जो उन्हें नशे की तरफ खींचती है ,से अवगत कराया। आर्चीज स्कूल की प्रधानाध्यापिका मनीषा सोनी ने अपने विद्यालय के अनुभव साझा किए जिनके प्रयोगों से विद्यालय के समस्त छात्र पूर्णता किसी भी प्रकार के नशे का सेवन नहीं कर रहे हैं। सामूहिक उत्थान सेवा समिति के अध्यक्ष विजय कुमार सिंह ने नशे से ग्रसित व्यक्तियों के पुनर्वास की प्रक्रिया में परिवार के लोगों की भूमिका विषय पर अपने विचार पेश किए। साथ ही क्रोध प्रबंधन के टिप्स भी दिए। दिव्यांग डेवलपमेंट सोसाइटी के अध्यक्ष मनप्रीत कौर ने नशे से ग्रसित लोगों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के संबंध में अपने अनुभव साझा किए।मोटीवेटर सुशील मिश्रा जी जी ने बताया कि नशे के विरोध में हमें अपने आप को व्यापक रूप से हमेशा तैयार रखना चाहिए तथा कभी भी किसी के लाख कहने पर भी हमें नशे का सेवन एक बार भी नहीं करना चाहिए ।सिटीजन अवेयरनेस फाउंडेशन की संस्थापक डॉ. अंजली श्रीवास्तव ने मॉडरेटर की भूमिका निभाई।वेबिनार में 500 से अधिक लोगों ने शिरकत की, जिसमें सीएसजेएम विश्वविद्यालय, कश्मीर विश्वविद्यालय एवं एनआईटी जालंधर के छात्रों की संख्या सर्वाधिक रही।
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