मकर संक्रांति पर 238 वर्षों बाद पड़ा विशेष संयोग।

कानपुर
- पंचांग के अनुसार विशेषज्ञ इस बार मकर संक्रांति को मान रहे हैं सबसे अधिक शुभ

- 5 ग्रहों की युति के चलते स्नान और दान बढ़ा विशेष महत्व

मकर संक्रांति 238 सालों बाद इस बार विशेष सहयोग लेकर आई है। पंचांग के अनुसार विशेषक इस बार मकर संक्रांति को सबसे अधिक शुभ मान रहे हैं। खास बात यह है कि 5 ग्रहों के मिलन से बनी विशेष यूपी के चर्चे इस बार स्नान और दान का महत्व काफी अधिक बढ़ गया है।

ज्योतिषाचार्य पंडित संतोष जी ( पाधा जी ) ने जानकारी दी कि इस बार मकर संक्रांति पर पांच ग्रह अपनी लीला विभिन्न कुंडलियों पर दिखाएंगे। गुरुवार को प्रतिपदा तिथि के श्रवण नक्षत्र पर पड़ने वाली मकर संक्रांति स्नान और दान के साथ ही विभिन्न ग्रहों के किए जाने वाले उपाय को लेकर भी खास बन कर आई है। मकर संक्रांति पर्व के बारे में शास्त्रों में उल्लेख है की हर महीने जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो उसे संक्रांति कहते हैं, लेकिन जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तो उसका महत्व बढ़ जाता है। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही उत्तरायण शुरू हो जाता है। यह समय ज्योतिषी उपाय किए जाने के साथ ही स्नान और दान के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि ग्रहण के अलावा सूर्य के सबसे अधिक उपाय उसी वक्त किए जाने चाहिए जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश कर रहा हो। यही वजह है की सूर्य के अलावा यदि अन्य ग्रह भी अपनी शुभ स्थिति में हो तो वह संक्रांति बेहद शुभ संयोग लेकर आती है।

238 वर्ष बाद पांच ग्रह शुभ ज्योतिषाचार्य का मानना है 14 जनवरी 2021 को पड़ने वाली मकर संक्रांति इस बार सूर्य के साथ पांच ग्रह अपनी शुभ स्थिति में आ रहे हैं। 238 वर्ष बाद ऐसा हुआ है कि सूर्य ग्रह, शनि ग्रह, चंद्र ग्रह, गुरु ग्रह और बुध ग्रह शुभ राशियों में आकर मात्रान्स योग बना रहे हैं। शताब्दी पंचांग के अनुसार इस बार मकर संक्रांति पर मंगल मेष में, सूर्य मकर में, शुक्र धनु राशि में, केतु वृश्चिक और राहु वृष राशि में होंगे। ग्रहों के इस मिलन का लाभ सबसे अधिक सूर्य शनि और मंगल ग्रह के किए जाने वाले उपायों को मिलेगा।

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