कानपुर
संयुक्त विपक्षी मोर्चा के तत्वाधान में शांति मार्च निकाला गया। कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए आरएलडी नगर अध्यक्ष मोहम्मद उस्मान ने बताया कि किसानों के समर्थन में सभी विपक्षी राजनीतिक दलों के नेता ने किसानों के मसीहा पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा स्थल पर फूलमाला चढ़ाकर घंटाघर से एक शांति मार्च बिरहाना रोड माल रोड होता हुआ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी प्रतिमा गणेश उद्यान परिवार में समाप्त हुआ और वहां पर किसान संबंधी काले कानून की प्रतियां आग के हवाले की नेतागण अपने हाथों में किसानों के समर्थन में नारे लिखी तख्तियां लिए हुए थे जिसमें लिखा था हम सब अन्नदाता ओं के साथ हैं ,केंद्र सरकार जिद छोड़े किसानों की समस्या का निदान करें, अन्यदाताओं की मांगों को हम सब समर्थन करते हैं। आरोप लगाते हुए आरएलडी नगर अध्यक्ष मोहम्मद उस्मान ने कहा कि नारे लिखी तख्तियां लिए हुए थे शान्ति मार्च फूल बाग पहुंचकर सभा के रूप में परिवर्तित हो गया सभी नेताओं ने गांधी जी पर पुष्पांजलि कर केंद्र सरकार की को सद्बुद्धि आने की कामना की जो किसान लगभग 50 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर बैठे हैं और 70 किसान शहीद हो गए हैं उनकी जायज मांगों को सुनकर केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए काले कानून को समाप्त करें। मुख्य वक्ता कामरेड सुभाषिनी अली पूर्व सांसद ने कहा कि केंद्र सरकार हठधर्मिता पर अड़ी हुई है उसके आठ बड़े घरानों को खुश करने में लगी है उन्हें किसानों का कोई ख्याल नहीं है जबकि उन्हीं किसानों के दम पर भाजपा केंद्र की सरकार बनाने में सफल हुई है जो सुप्रीम कोर्ट द्वारा चार लोगों को कमेटी बनाई गई है उसके चारों सदस्य पहले से ही काले कानून के पक्ष में खड़े हुए हैं ऐसे लोगों को कमेटी सरकार ने बनाकर किसानों के साथ धोखा देने का काम किया है साफ है कि कुछ तत्वों ने कोर्ट को गलत पक्ष रखकर कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की है साथ ही कमेटी के सदस्यों का चयन किन मानदंडों से हुआ है या विचारणीय है!
नेताओं ने केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कृषि काले कानूनों की प्रतियां को भी आग के हवाले किया और सरकार विरोधी नारे लगाए! वक्ताओं ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के प्रति सकारात्मक रुख दिखाया है इसका हम लोग आभार व्यक्त करते हैं! संचालन सुरेश गुप्ता संयोजक संयुक्त मोर्चा ने किया कार्यक्रम में आरएलडी नगर अध्यक्ष मोहम्मद उस्मान, अरविंद स्वरूप अशोक तिवारी प्रदीप यादव राम प्रसाद कनौजिया श्याम देव सिंह अनिल सोनकर हुसैन राजकुमार यादव आदि लोग मौजूद थे।
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