कानपुर।
किसी अवतार को ईश्वर के समान देखना धर्म विरुद्ध है। क्योंकि वेदो मे ईश्वर को अजन्मा बताया गया है।वेदो मे स्पष्ट लिखा है कि ईश्वर की कोई प्रतिमा नहीं है वह अंतर्यामी है इसलिए परमात्मा को किसी स्थान विशेष में सीमित करके नहीं रखा जा सकता। वह अजर- अमर और अभय इस समूचे जगत की उत्पत्ति करने वाला है। उसी सर्वशक्तिमान की उपासना यज्ञादि कर्मों द्वारा की जाती है। यह उपासना जहां घरों में की जाती है। वही रोजाना आर्य समाज मंदिरों में सामूहिक यज्ञ से होती है। इस प्रकार मूर्ति पूजा के बजाए परमपिता परमेश्वर की सजीव मूर्तियों यानी कि मानव मात्र के कल्याण की कामना हम करें तो निश्चित रूप से इसका जो हमें फल मिलेगा वह सुखदायी होगा।उक्त बाते बुधवार को महर्षि दयानंद सरस्वती जी की जयंती के अवसर पर आर्य समाज गोबिन्द नगर द्वारा आयोजित पांच दिवसीय सामवेद पारायण यज्ञ के चौथे दिन राजस्थान से पधारे आचार्य सोमदेव जी ने कही
आचार्य सोमदेव जी ने समाज में फैले आडंबर, अंधविश्वास पर कडा प्रहार करते हुए उदाहरण के माध्यम से सुखपूर्वक जीवन जीने के तीन सूत्र बताए।पहला हांथ आए शत्रु को नहीं छोड़ना चाहिए उन्होंने उदाहरण देते हुए समझाया कि पृथ्वीराज चौहान ने मोहम्मद गौरी को बंदी बनाया था तो मोहम्मद गोरी द्वारा क्षमा याचना करने पर पृथ्वीराज चौहान ने उसे छोड़ दिया था। गौरी अपनी सेना लेकर आया तो उसने पृथ्वीराज चौहान को बंदी बना लिया तथा उसकी दोनों आंखों में भाला डालकर उसे अंधा कर दिया। दूसरा असंभव बातों पर विश्वास नहीं करना चाहिए आज समाज भूत प्रेत को मानकर दिग्भ्रमित है तथा कुछ लोग तो तांत्रिकों के चक्कर में पड़कर जान तक गंवा बैठते हैं बाबा भभूत द्वारा लोगों का उपचार करने का दावा करते हैं और भोली भाली जनता उनके बहकावे में आकर अपनी जान गवा बैठती है ।तीसरा बीती गलतियों को याद करके दुखी नहीं होना चाहिए बल्कि उनसे प्रेरणा लेकर उसे पुनः न दोहराने का संकल्प करना चाहिए ।बीती ताहि बिसार दे आगे की सुध ले ।समाज में विद्वान व्यक्ति को धनी व्यक्ति की अपेक्षा अधिक सम्मान मिलना चाहिए। लेकिन वास्तव मे समाज में ऐसा होता नहीं है। बरेली से आए भजनोपदेशक एवं संगीताचार्य भानू प्रकाश शास्त्री ने संगीत की धुन पर अपने घर मे वेद पढा जाए,मनन किया जाए तो वह घर स्वर्ग हो जाए भजन गाकर उपस्थित हजारों लोगों की जमकर तालियां बटोरी।प्रवचन व भजन से पूर्व यज्ञ किया गया जिसमेँ लोगों ने अपनी आहुतियां दी। यज्ञ मे प्रमुख रूप से शुभ कुमार वोहरा, वीरन्द्र मल्होत्रा, प्रकाश वीर आर्य, वीरा चोपड़ा, शशि कपूर,चन्द्र कान्ता गेरा, अनिल चोपडा ,सत्यकेतु शास्त्री आदि रहे।
0 Comments
Thank you for your valuable comment