योगी की हाइटेक पुलिस ने गोरखपुर में कानपुर के युवक को होटल में चेकिंग के नाम पर पीट-पीट उत्तर दिया मौत के घाट...

कानपुर।
उत्तर प्रदेश पुलिस की बर्बरता कहे या हैवानियत सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ तो यूपी में अपराध को लगभग खत्म मानते हैं लेकिन जब उनकी पुलिस ही अपराधियों जैसा बर्ताव करने लग जाए तो क्या होगा आम जनता का...? कानपुर से गोरखपुर घूमने के लिए पहुंचे युवक को आधी रात होटल में आईडी चेकिंग के नाम पर पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया।
गोरखपुर में मंगलवार को पुलिस की बर्बरता का एक बड़ा मामला सामने आया है। यहां कानपुर से घूमने आए 35 वर्षीय मनीष गुप्त की रामगढ़ ताल पुलिस ने पीट- पीटकर मौत के घाट उतार दिया। उसका कसूर सिर्फ इतना बताया जा रहा है कि आधी रात को होटल में चेकिंग करने पहुंची पुलिस से उसने पूछा कि यह चेकिंग का क्या तरीका है? 
क्या हम लोग आतंकवादी हैं? आरोप है कि इंस्पेक्टर रामगढ़ताल जेएन सिंह और फल मंडी चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्र भड़क गए कि होटल के रूम में बंद कर मनीष को जमकर पीटा। मौके पर ही मनीष की दर्दनाक मौत हो गई।

वहीं, घटना के बाद पुलिस अधिकारी इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं। कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है। डीआईजी जे रविंद्र गौड़ ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है। जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

दरअसल, सिकरीगंज के महादेवा बाजार के रहने वाले चंदन सैनी ने दोस्तों को रामगढ़ ताल इलाके के एलआईसी बिल्डिंग के पास स्थित होटल कृष्णा पैलेस के रूम नंबर 512 में ठहराया था। आरोप है कि सोमवार की रात करीब 12 बजकर 30 मिनट पर रामगढ़ ताल पुलिस होटल में चेकिंग करने पहुंची। इंस्पेक्टर जेएन सिंह, फल मंडी चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा के अलावा थाने की अन्य फोर्स साथ में थी। होटल के कमरे का दरवाजा नॉक कर खुलवाया। पुलिस के साथ होटल का रिसेप्शनिस्ट भी था। पुलिस वालों ने बोला कि चेकिंग हो रही है। सभी अपनी आईडी प्रूफ दिखाओ।
तीनों में हरदीप ने खुद की और साथी प्रदीप चौहान की आईडी दिखा दी। जबकि मनीष सो रहे थे। प्रदीप ने उन्हें आईडी दिखाने के लिए नींद से जगाया। इतने पर प्रदीप वहां मौजूद पुलिस वालों से बोल बैठा, इतनी रात में यह चेकिंग किस बात की हो रही है। हम लोग क्या आतंकवादी हैं? सोते हुए इंसान को आप लोग उठाकर डिस्टर्ब कर रहे हैं। आरोप है कि इतने पर ही पुलिस वाले बौखला गए। पुलिस वालों ने शराब पी रखी थी।
आरोप यह भी है कि इंस्पेक्टर जेएन सिंह और अक्षय मिश्रा ने इतनी सी बात पर उसे पीटना शुरू कर दिया। चंदन के मुताबिक, हम दोनों को पीटते हुए कमरे से बाहर ले गए। कुछ ही देर बाद देखा कि पुलिस वाले साथी मनीष गुप्ता को घसीटते हुए बाहर लेकर आए, वह खून से लथपथ था। इसके बाद पुलिस वाले मनीष को अस्पताल ले गए। जहां उसकी मौत हो गई।
पुलिस वाले दोबारा आए थे तो सभी ने अपनी नेम प्लेट भी हटा ली थी। चंदन सैनी ने बताया कि मृतक दोस्त कानपुर का रहने वाला है। घटना की सूचना उसके परिवार को दे दी गई है। परिवार के लोग गोरखपुर पहुंच रहे हैं। मनीष अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। 5 साल पहले ही उसकी शादी हुई थी। परिवार में उसके बीमार पिता और पत्नी के अलावा उसका एक 4 साल का मासूम बेटा है। मां की कुछ दिनों पहले मृत्यु हो चुकी है।


एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने इस घटना की जांच एसपी नॉर्थ को सौंपी थी. मंगलवार को जांच में रिपोर्ट आने के बाद लापरवाही बरतने के आरोप में थाना प्रभारी इंस्पेक्टर जेएन सिंह समेत 6 पुलिसकर्मी को सस्पेंड कर दिया. 

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