कानपुर।
"भारत गौरव सम्मान" ‘परमपूज्य गुरुमाऊली आण्णासाहेब मोरेजी’ को झुरिच स्विट्जरलैंड में प्रदान झुरिच (स्वीटजरलैंड) में दिनांक 20 नवंबर से 24 नवंबर 2021 तक भारतीय स्वतंत्रता की 75वी वर्षगाठ के उद्देश्य से "भारत महोत्सव" का आयोजन किया है। इस अनोखे समारोह में परमपूज्य गुरुमाऊलीजी आध्यात्मिक प्रमुख, अखिल भारतीय श्री स्वामी समर्थ गुरुपीठ, नाशिक, महाराष्ट्र, इनको अति प्रतिष्ठित "भारत गौरव सम्मान" कोनफ्लुएंस- मेक इन इंडिया एन जी ओ के द्वारा सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार श्री संदीप मारवाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, मीडिया और मनोरंजन समिति बीआईएस, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, भारत सरकार और चांसलर एएएफटी मीडिया और कला विश्वविद्यालय एवं श्री गोविंद सावळे, अध्यक्ष इंडो स्विस सेंटर के द्वारा दिया गया। यह कार्यक्रम भारत के संस्कृति और विदेश मंत्रालय से संबद्ध था। यह पुरस्कार भारत के विभिन्न क्षेत्रों की प्रमुख हस्तियों को भी दिया गया। परमपूज्य गुरुमाऊलीजी के सुपुत्र आदरणीय श्री नितिन भाऊ मोरे जी ने यह पुरस्कार परमपूज्य गुरुमाऊली जी की ओर से झुरिच स्विट्जरलैंड में स्वीकारा।
अब तक "भारत महोत्सव” यह 2018 और 2019 लंदन (UK) में , दुबई ( UAE) में 2020, वाराणसी (भारत) में 2021 उत्सव मनाया गया। इस साल "भारत महोत्सव" का आयोजन 20 से 24 नवंबर 2021 तक झुरिच (स्विट्जरलैंड) में है। यह कार्यक्रम भारतीय संस्कृति, हस्तकला, और आदिवासी उत्पादन, पर्यटन, महिला सशक्तिकरण और इनसे संबंधित क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सत्कार करने के लिए आयोजित किया जाता है।
परमपूज्य गुरुमाऊलीजी मानव की उन्नति के लिए निरंतर निस्वार्थ रूप से कार्य कर रहे हैं। संस्कृति, आध्यात्मिक जागरूकता, ध्यान तंत्र, स्वास्थ्य सेवा, कृषी, युवा, और महिला सशक्तिकरण और गरीबों को अन्न, वस्त्र की पुर्तता, ऐसे विविध उपक्रमों द्वारा जनकल्याण और वैदिक ज्ञान के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के कारण परमपूज्य गुरुमाऊलीजी को "भारत गौरव सम्मान" से सम्मानित किया गया।
परमपूज्य गुरुमाऊलीजी ने अखिल भारतीय श्री स्वामी समर्थ गुरुपीठ ,त्रंबकेश्वर, धार्मिक ट्रस्ट की स्थापना की। जिससे कि विश्व को स्वस्थ्य, आनंददायी, शांतिपूर्ण जीवन जीने के लिए एक मंच मिला है। पिछले अनेक दशकों से परमपूज्य गुरुमाऊली जी ने गरीब से गरीब लोगों के जीवन को सुधारने के लिए प्रबोधन और प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वावलंबी और सक्षम बनाने के लिए एक मजबूत अर्थव्यवस्था निर्माण की है ।
परमपूज्य गुरुमाऊलीजी का 14 वैदिक ज्ञान प्रवाह (विद्या) और 64 कुशलता (कला) आध्यात्मिक साधकों को आत्मसात करने के लिए और भारतीय संस्कृति के महत्व के बारे में संशोधन और जागरूकता फैलाने के लिए एक मंच निर्माण करना यह महत्वपूर्ण उद्देश्य है। परमपूज्य गुरुमाऊली जी के कार्य प्रवाह मे असंख्य निरोगी, सकारात्मक और मनुष्य के जीवन को बदल दे इस प्रकार का कार्य सम्मिलित है।
परमपूज्य गुरुमाऊलीजी अनेक दशकों से भारत और अब विश्व के अन्य भागों में निचले स्तर के जीवन जीने वालों के लिए भी सामाजिक बदलाव के लिए कार्य कर रहे हैं। इस शिक्षण और प्रशिक्षण से हजारों लोगों ने शराब पीना और इसका दुरुपयोग करना बंद कर दिया है। अब इन्हें अच्छी नौकरी मिल गई है, तथा यह लोग खुशी से अपना व्यवसाय कर रहे हैं। महिलाएं छोटे और मध्यम प्रकार के व्यवसाय संभाल रही है। और किसान अधिक उत्पन्न बढ़ाने के लिए पारंपरिक और आधुनिक कृषि मशीनरी का भी प्रयोग कर रहे हैं।
इसके अलावा प्रशिक्षित स्वयंसेवकों की एक विशेष टीम बाल संस्कार (मूल्य शिक्षण), और युवा संस्कार, युवाओ में समृद्ध नेतृत्व जागृत करने के लिए और पर्यावरण संवर्धन के लिए स्कुल और महाविद्यालय में चर्चासत्र आयोजित किए जाते हैं।
दिंडोरी गांव से व्यसन मुक्ति, महिला सक्षमीकरण, बिनादहेज सामूहिक विवाह, कृषी सक्षमीकरण, जातीय एकता, युवाओ के लिए स्वयं रोजगार आदि के लिए निशुल्क कार्यक्रम की शुरुआत की गयी । सामाजिक सुधार का यह कार्यक्रम अब श्री स्वामी समर्थ गुरुपीठ त्रंबकेश्वर और हजारों स्वामी समर्थ सेवा केंद्र द्वारा विश्व भर में पहुंच गया है।
बहुमुल्य मार्गदर्शन, विश्व भर के 5000 से ज्यादा श्री स्वामी समर्थ केंद्र सेवा द्वारा निशुल्क उपलब्ध है। समस्या ग्रस्त भाविक, साधक की सामाजिक और शैक्षणिक पार्श्वभूमि ध्यान में रखकर उसे सरल तरीके से खुद समस्या मुक्त हो सके ऐसा मार्गदर्शन यहां किया जाता है।
अनेक संस्थाओं ने इस सेवा कार्य का निस्वार्थ सामाजिक क्रांति के लिए सम्मान और प्रशस्ति पत्रक देकर गौरवान्वित किया है। परमपूज्य गुरुमाऊली जी द्वारा गरीब से गरीब लोगों के जीवन को सुधारने के लिए किए गये कार्य को ध्यान में रखकर वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (WBR), लंदन ( UK) ने परमपूज्य गुरुमाऊलीजी को सम्मानित किया है। इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ एजुकेशन मैनेजमेंट ने 2019 में संपूर्ण भारत के मूल्य शिक्षण (बालसंस्कार) क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए परमपूज्य गुरुमाऊली जी को "भारत सेवा रत्न" पुरस्कार प्रदान किया है।
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ एजुकेशन संस्था ने 2019 में भारतीय उत्कृष्ट सामाजिक सेवा के लिए परमपूज्य गुरुमाऊलीजी को "विजय रत्न स्वर्ण पदक" प्रदान किया है। 2014 मे महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें किसानों के लिए किए गये उल्लेखनीय योगदान के लिए "कृषी भूषण" पुरस्कार से सम्मानित किया है !राजीव गांधी अक्षय ऊर्जा दिन- 2007 निमित्त, उन्हें अपारंपरिक ऊर्जा क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रयत्न के लिए पुरस्कार प्रदान किया है।
2006 में कारगिल युद्ध के दौरान, हजारों स्वयंसेवकों के माध्यम से आयोजित शिविर से राष्ट्रीय सैनिकों के लिए रक्तदान किया गया, इससे उन्हें महाराष्ट्र सरकार से विशेष पुरस्कार मिला है। पानी की कमी के व्यवस्थापन कार्यक्रम में किए गए योगदान के लिए नासिक के जिलाधिकारी ने सेवा मार्ग का विशेष सम्मान किया है। इस सामाजिक बंधुत्व सहेज कर रखने वाले कार्य के लिए और सामान्य मनुष्य के लिए किए गए अथक परिश्रम के बारे में उन्हें जेजूरी संस्थान ने "मल्हारी रत्न" खिताब से सम्मानित किया है।
परमपूज्य गुरुमाऊलीजी के मार्गदर्शन और आशीर्वाद से अट्ठारह सुत्री "ग्राम व नागरी अभियान” इस सामाजिक सुधार कार्यक्रम में बच्चे और युवा मूल्य शिक्षण और नैतिक मूल्य उपदेश कक्ष, नैसर्गिक कृषी मार्गदर्शन, आयुर्वेद द्वारा आरोग्य, वेदो का वैज्ञानिक संशोधन, बिनादहेज के विवाह स्वयं सेवकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम, भारतीय संस्कृति, कानून मार्गदर्शन, वास्तु शास्त्र मार्गदर्शन, महिला सक्षमीकरण, स्वयं रोजगार, इस पर जोर दिया जाता है। इससे अधिक संवेदनशील, दयालु ,सहिष्णु, खुश और एक तरह से सकारात्मकता निर्माण करने का विशाल कार्य परमपूज्य गुरुमाऊलीजी - सेवा मार्ग के लाखों स्वयंसेवक के माध्यम से भारत और पूरे विश्व भर में कर रहे हैं।
परमपूज्य गुरुमाऊलीजी के मार्गदर्शन में विश्वभर में लाखों लोग निरोगी, आनंदी और शांति में जीवन जी रहे हैं। वंश, राष्ट्रीयता और धर्म इसके भी आगे जाकर परमपूज्य गुरुमाऊली जी का कार्य विश्व भर में लाखों लोगों के जीवन को पारस के समान स्पर्श करके उनका जीवन सोना बना रहे है अधिक जानकारी के लिए कोई भी व्यक्ति 9716353333 तथा 8076130044 पर सम्पर्क कर सकता है ।
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