मैं नही नही मानता 8 मई को मातृ दिवस - दीपांशु पांडेय।

कानपुर।
जैसा कि आप सभी को पता है 8 मई के दिन सभी लोग आज मदर्स डे मानते है । सोचिये क्या कोई भी माँ को शुभकामनाये देने आशीर्वाद लेने के लिए एक दिन हो सकता है ये तो वैसे ही है जैसे सूर्य को दिया दिखाना जिस माँ ने हमे 9 महीने अपनी गर्भ में पाला बिना हमारी शक्ल सूरत देखे, मेरा मानना है कि माँ के लिए एक दिन नही, एक घंटा नही एक मिनट नही हर साँस में माँ का शुक्रिया करना चाहिए जरूरी नही की हम उनके लिये केक काटे महंगे उपहार लाये लजीज भोजन कराएं, बस माँ का सम्मान तो दिल से होना चाहिए उनको किसी प्रकार का कष्ट नही होने देना येही मदर डे है। वैसे हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे यानी मातृ दिवस मनाया जाता है। एक अध्ययन से पता चला है कि करीब 111 साल से यह परंपरा चल रही है। इस दिन की शुरुआत एना जार्विस ने की थी। उन्होंने यह दिन अपनी मां को समर्पित किया और इसकी इस तरह चुनी कि वह उनकी मां की पुण्यतिथि 9 मई के आसपास ही पड़े। 
इस लिए हमें मदर डे के लिए किसी तारीख या महीने का इंतेजार नही करना चाहिए प्रत्येक दिन प्रत्येक घड़ी माँ का धन्यवाद मानना चाहिए। और उनका आदर सम्मान करना चाहिए। आज के दिन कई लोग माँ के साथ फोटो डालते है अच्छी बात है परंतु ये एक दिन ही नही साल भर जीवन भर करना चाहिए। प्रत्येक माँ के लिए सभी के दिल मे सम्मान होना चाहिए। मानना है ये आज के जैसे हर दिन मनाइये मदर डे क्योंकि माँ के सम्मान में कोई दिन निर्धारित नही किया जा सकता। वो तो हर दिन हर पल प्यार और सम्मान की हकदार है। ।।लव यू माँ।।

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