भगवान श्री बद्रीनाथ (Badrinath) के कपाट आज यानी शुक्रवार को सुबह ठीक 4:30 बजे पूरे विधान के साथ खोल दिए गए. इस बार बेहद सादगी के साथ कपाट खोले गए. कपाटोद्घाटन में मुख्य पुजारी रावल, धर्माधिकारी भूवन चन्द्र उनियाल, राजगुरु सहित केवल 11 लोग ही शामिल हो सके.
कपाटोद्घाटन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) का पालन किया गया. इससे पहले पूरे मंदिर परिसर को सेनेटाइज किया गया. पहली पूजा आज 9.00 बजे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की नाम से की गई ।
कपाट खोलने की विधियां रात 3 बजे से ही शुरू हो गई थीं. कपाट खुलने के बाद लक्ष्मी माता को परिसर स्थित मंदिर में स्थापित किया. भगवान बद्रीनाथ का तिल के तेल अभिषेक किया गया.
पूजा में देश के कल्याण आरोग्यता के लिए प्रार्थना की गई. ऑनलाइन बुक हो चुकी पूजाएं भक्तों के नाम से की जाएंगी. वहीं, प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, पर्यटन धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने पर शुभकामनाएं दी हैं.
10 क्विंटल से अधिक फूलों से मंदिर को सजायाउत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉक्टर हरीश गौड़ ने बताया कि ऋषिकेश की श्री बद्रीनाथ पुष्प सेवा समिति द्वारा 10 क्विंटल से अधिक फूलों से मंदिर को सजाया गया है.
कपाट खुलते ही सबसे पहले बद्रीनाथ के रावल ईश्वरी प्रसाद नम्बूदरी ने गर्भ गृह में प्रवेश किया. शीतकाल में जिस ऊनी घृत कम्बल को भगवान ओढ़ाया गया था उसे रावल जी ने श्रद्धा पूर्वक निकाला.
इसके बाद रावल ने पवित्र जलों से भगवान का स्नान करवाया और भव्य अभिषेक किया. इस दौरान सभा मंडप में धर्माधिकारी और अपर धर्माधिकारी वेद पाठी मंत्रोच्चार करते रहे.
बता दें कि भगवान केदारनाथ धाम के कपाट विधि विधान और पूजा अर्चना के बाद बीते 29 अप्रैल को खोल दिए गए थे. कपाट खुलने के दौरान कोरोनावायरस लॉकडाउन की वजह से वहां पर तीर्थयात्री और स्थानीय लोग कम संख्या में आए थे.
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