कानपुर
कल्यानपुर थानाक्षेत्र में आज दबंगों ने एक पत्रकार के ऊपर हमला कर दिया। दैनिक अखबार देशमोर्चा के पत्रकार वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि बीती रात वो भैया जी बिरियानी कल्याणपुर पर बिरयानी खा रहे थे। तभी वहां इलाकाई दबंग संजय पुत्र श्याम एवं निखिल पुत्र संजय आए और शराब पीने के लिए उनसे रुपए मांगने लगे। वीरेन्द्र शर्मा ने रुपए देने से इंकार किया, तो उक्त दोनों लोगों ने कहा कि हम इस क्षेत्र के गुंडे हैं यदि हमें रंगदारी के रुपए नहीं दिए तो तुम यहां से जिन्दा बचकर नहीं जा सकोगे।
वीरेन्द्र शर्मा का कहना है कि विवाद टालने की नीयत से वो वहां से जाने लगे तो उक्त संजय ने उनको गाली बकी और कट्टा निकालकर कट्टे के बट से उनके चेहरे पर मार दिया। जिससे उनका चश्मा टूट कर गिर गया और उनके चेहरे पर गंभीर चोट आ गई एवं खून निकलने लगा। फिर संजय के साथी निखिल ने उनको धक्का देकर चाकू से मारने का प्रयास किया। शोरगुल सुन कर मौके पर आसपास के लोग एकत्र हो गये और उन्होंने पत्रकार को बचाया। दोनों आरोपी वीरेन्द्र को जान से मारने की धमकी देकर वहां से भाग गए।
वीरेन्द्र शर्मा का आरोप है कि मामले की लिखित सूचना उन्होंने तत्काल थाना कल्यानपुर में दी जिस पर पुलिस ने प्रकरण को गम्भीरता से नहीं लिया और करीब 3 से 4 घण्टे तक कोई कार्यवाही नहीं की. प्रभारी निरीक्षक अजय सेठ थाने से बराबर नदारत रहे और जब वीरेन्द्र शर्मा और उसके कुछ साथी थाना परिसर में बैठे उनका इन्तजार कर रहे थे तो आरोपी के पक्षकार बनकर वहां राजकीय उन्नयन बस्ती के दर्जनों लोगों के साथ कुछ स्थानीय दबंग आ गये और उन लोगों ने पत्रकारों पर पथराव करना शुरू कर दिया। जिससे तमाम पत्रकार चुटहिल हो गये और भगदड़ मचने से कईयों के कैमरे और मोबाइल फोन टूट गये. थाने के पुलिसकर्मी खड़े तमाशा देखते रहे और वीडियो बनाते रहे। किसी ने दबंगों को रोकने अथवा पत्रकारों को बचाने की कोशिश नहीं की।
पत्रकारों का आरोप है कि इस पूरे घटनाक्रम में कल्यानपुर थाने के प्रभारी निरीक्षक अजय सेठ की भूमिका संदिग्ध प्रतीत होती है. सूत्रों के अनुसार उक्त प्रकरण में आरोपियों को बचाने के लिये वीरेन्द्र शर्मा एवं उसके साथियों के खिलाफ महिलाओं को आगे करके झूठा मुकदमा लिखवा कर उनको प्रताडित करने की साजिश रची जा रही है। वहीं इस संदर्भ में पूछने पर कल्यानपुर थाना प्रभारी अजय सेठ ने बताया कि पीडित वीरेन्द्र शर्मा की तहरीर पर 323, 504, 506 आईपीसी के तहत एनसीआर दर्ज करके आरोपी की गिरफ्तारी कर ली गई है। पुलिस पर लगाये गये बाकी आरोप गलत हैं। पुलिस कानून के दायरे में अपना काम कर रही है।
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