कानपुर
आज दिनांक 9/2/21 को ब्लॉक घाटमपुर सभागार में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का चल रहा प्रशिक्षण में प्रतिभाग किया जिसमें सुभाष चिल्ड्रन सोसायटी ने सीडीपीओ जीवना सुपरवाइजर होना आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के साथ बैठक की। जिसमें सांझा प्रयास से ट्रेनिंग एंड रिसर्च ऑफिसर सुषमा शुक्ला ने सुरक्षित गर्भ समापन तथा परिवार नियोजन के विषय मेंजानकारी दी परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता की कमी, हिचक ,शर्म ,सामाजिक कारण, पैसे की कमी ,और साधन की अनुपलब्धता के कारण आज भी महिलाएं असुरक्षित गर्भपात कराने को मजबूर हैं सरकारी अस्पतालों में लगने वाली लंबी लाइनें भीड़ और स्टाफ का संवेदन हीन व्यवहार भी घरेलू उपाय अप्रशिक्षित एडवाइस के पास जाने को मजबूर करता है इसी आशा मान्यता के प्रति सामान्यता लाने के उद्देश्य से आंगनवाड़ी कार्यकत्री को सुभाष चिल्ड्रन सोसायटी के एमटीपी एक्ट के तहत सुरक्षित गर्भ समापन को लेकर चर्चा की और परिवार नियोजन के साधनों के विषय में बात की। सुरक्षित गर्भ समापन पर चर्चा करते हुए बताया कि आज के दौर में गर्भधारण से बचने का हर संभव उपाय है ताकि किसी अवांछित स्थितियों से बचा जा सके हर स्त्री को याद रखना चाहिए कि शरीर उसका है और उस पर पहला अधिकार भी उसी का है लिहाजा अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना भी उसका पहला कर्तव्य है। साथ ही एमटीपी एक्ट के बारे में बताते हुए असुरक्षित गर्भपात के नुकसान से भी अवगत कराया गया एमटीपी एक्ट के अनुसार 18 वर्ष की भारतीय स्त्री अकेले और इससे कम उम्र की स्त्री संरक्षक की लिखित अनुमति के साथ 12 से 20 सप्ताह तक की अवधि में गर्भ समापन करा सकती है ।किंन परिस्थितियों में करवा सकती है गर्भ समापन
यदि गर्भ वस्था की निरंतरता गर्भवती महिला के जीवन पर खतरा डालेगी या उसके शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर इसके गंभीर प्रभाव होंगे यदि गर्भ वस्था बलात्कार का परिणाम है यदि यह संभावना है कि यदि बच्चा जन्म लेता है और वह गंभीर शारीरिक मानसिक दोष के साथ पैदा होगा। या गर्भनिरोधक विफल रहा।
असुरक्षित गर्भपात के नुकसान
1.दर्द औरअधिक ब्लीडिंग ।
2.कई मामलों में दोबारा प्रेगनेंसी की संभावना खत्म हो शक्ति है।
3.और स्वास्थ्य समस्याएं समस्या बढ़ने पर मरीज की जान पर खतरा भी हो सकता है।
4. तेज बुखार और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं साथी सीडीपीओ जीवना जी ने की यह जानकारी बहुत ही सही है तथा क्षेत्र में भी लोगों को जानकारी होनी चाहिए आप लोग अपने समुदाय में जब भी महिलाओं की बैठक करें इस विषय पर अवश्य बात करें। बैठक में सीडीपीओ सुपरवाइजर 50 आंगनबाड़ी कार्यकर्ती उपस्थित रही।
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