सेवा की साक्षात मूर्ति है हनुमान जी महाराज।

कानपुर
सर्वजन हिताय सेवा चैरिटेबल समिति के तत्वाधान में कोरोना महामरी के निवारण हेतु श्री हनुमान जन्मोत्सव के पावन अवसर पर पं० दीपक कृष्ण जी महाराज के सानिध्य मे श्री हनुमत कथा एवं श्री सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया । समाज में बढ़ती हुई कोरोना महामारी के निवारण हेतु सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया की कामना के साथ इस पावन अनुष्ठान का प्रारंभ किया गया सर्वप्रथम विघ्नहर्ता श्री गणेश जी का पूजन हुआ उसके उपरान्त श्री हनुमान चालीसा के द्वारा हनुमान जी महाराज का स्तवन किया गया "नासे रोग हरे सब पीरा जपत निरंतर हनुमत वीरा" कलयुग में हनुमान जी महाराज प्रत्यक्ष देव है जिनकी पूजा करने से व्यक्ति को बल और बुद्धि दोनों की प्राप्ति होती है और रोग शोक से मुक्ति मिलती है समाज में व्याप्त भय को दूर करने के लिए हमें अपने आत्मविश्वाश को मजबूत करने की आवश्यकता है । हनुमान जी महाराज के जीवन से हमें यह शिक्षा लेनी चाहिए कि विपरीत परिस्थितियों में भी हमें कभी अपने विश्वास को छोड़ना नहीं चाहिए क्योंकि भय ही रोग है और विश्वास ही दवा है इन विपरीत परिस्थितियों में हमें सदैव भगवान का स्मरण करना चाहिए और अपने आसपास जिस किसी व्यक्ति को भी किसी भी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता हो उसका सहयोग करें क्योंकि हमारे शास्त्रों में परोपकार को ही सर्वश्रेष्ठ माना गया है सारे शास्त्रों का पुराणों का सार बताते हुए व्यास जी महाराज ने कहा है परोपकाराय पूणयाय पापाय परपीड़नम जिस व्यक्ति के अंदर दया का भाव होता है उसके अंदर समस्त सद्गुण स्वयं निवास करते हैं और वह प्रभु का प्रेम पात्र बनता है मानव सेवा ही माधव सेवा है आज हनुमान जयंती के अवसर पर कोरोना महामारी को देखते हुए समिति के सदस्यो एवं भक्तगणो ने अपने अपने घरों में रहकर दीपक जलाकर श्री हनुमान चालीसा का लगभग ११०० पाठ किया और सामूहिक रूप से हनुमान जी महाराज से इस महामारी के निवारण की प्रार्थना की दीनदयाल विरद संभारी हरहु नाथ मम संकट भारी इस संपुट के साथ जो हनुमान जी की प्रसन्नता के लिए सुंदरकांड का पाठ करते हैं उनके जीवन के सारे संकट दूर होते हैं।

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