कानपुर।
ऋषभ कौशल की रिपोर्ट
भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के पर्व श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर सोमवार को उत्तर प्रदेश में उल्लास के माहौल में मनाया गया। जहां कानपुर शहर में भी चारों तरह भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की अष्टमी की आधी रात ढोल और मृदंग संगीत नृत्य करने लगे। ऐसा लगा मानो वेद खुद मंत्रोच्चारण करने लगे। शंखनाद हुआ तो कलियां, गोवंश, ब्रज की लता पता और लाखों होठों से बस एक ही आवाज बुलंद हुई,जय कन्हैया लाल की, जय कन्हैया लाल की। मथुरा ब्रजभूमि में तो जैसे रात ही नहीं हुई, पालनहार जन्म के इंतजार में श्रद्धा की पलकों ने झपकना छोड़ दिया।
आखिर जन-जन के आराध्य छलिया के जन्म का उत्सव जो था। सोमवार रात 12 बजे शंख-घंटे की ध्वनि और वैदिक मंत्रों के बीच जन्मस्थान पर कान्हा का अभिषेक हुआ, तो जैसे पूरा बैकुंठ इस अद्भुत पल का साक्षी बनने को धरा पर उतर आया।
तो वहीं किदवईनगर निवासी व पहल सेवा संस्थान की अध्यक्ष सुरभि द्विवेदी और समाजसेविका दीपिका श्रीवास्तव नें अपने घरों में कृष्ण जी को दूध शहद घी दही जल आदि से नहलाने के बाद उनको नए वस्त्र पहना कर, मुकुट सिर पर पहनाकर फूल माला चढ़ाकर कर भोग लगाकर अन्त में उनकी आरती कर उनका जन्म उत्सव मनाया।
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